क्या आज राज्यपाल करेंगी आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर ? विधानसभा से मंत्री समूह विधेयक लेकर गया था राज्यपाल के पास

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Yagyawalkya Mishra
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क्या आज राज्यपाल करेंगी आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर ? विधानसभा से मंत्री समूह विधेयक लेकर गया था राज्यपाल के पास

Raipur. दो दिसंबर को विधानसभा में भारी हंगामे के बाद सर्वसम्मति से पारित हुए छत्तीसगढ़ के आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल की मुहर आज लग सकती है। दो दिसंबर को विधानसभा से विधेयक को मंज़ूरी देने के बाद मंत्रियों का समूह राज्यपाल सुश्री अनुसूइया उईके के पास देर शाम पहुँचा था और उन्हे विधेयक सौंपते हुए हस्ताक्षर का आग्रह किया गया था। लेकिन राज्यपाल ने तब तुरंत हस्ताक्षर से इंकार करते हुए व्यवस्था का हवाला दिया था, जिसके तहत राज्यपाल विधेयक को हस्ताक्षर करने के पूर्व उस का अध्ययन और विधिक परामर्श लेते हैं। अगले दिन मीडिया से चर्चा में राज्यपाल ने संकेत दिए थे कि, सोमवार (5 दिसंबर) को विधेयक पर हस्ताक्षर हो सकते हैं।राज्यपाल सुश्री अनुसूइया उइके ने स्पष्ट किया था कि आदिवासी आरक्षण के इस विधेयक पर वे बेहद गंभीर हैं, और इसे औपचारिकताओं के पूरे होते ही अनुमोदन दे देंगी।



क्या है आरक्षण विधेयक

 राज्य सरकार ने हाईकोर्ट द्वारा पचास फ़ीसदी से अधिक आरक्षण का हवाला देते हुए राज्य में लागू आरक्षण रोस्टर को रद्द कर दिया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था, हालाँकि याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार लिया है। राज्य सरकार को इस पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।इस क़वायद के बीच भानुप्रतापपुर में उप चुनाव घोषित हुआ।राज्य सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुला कर आरक्षण विधेयक पास कर दिया है। इस विधेयक में अनुसूचित जनजाति ( आदिवासी) वर्ग को 32 प्रतिशत,अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 13 फीसदी, ओबीसी के लिए 27 फ़ीसदी और EWS वर्ग के लिए 4 फ़ीसदी आरक्षण को विधानसभा में पास किया गया है।



सर्वसम्मति से मंज़ूरी लेकिन विपक्ष ने कहा है..

 विधानसभा में इस आरक्षण विधेयक को सर्वसम्मति से मंज़ूरी दी है। लेकिन इस विधेयक पर बहस के दौरान विपक्ष ने नियमों का हवाला करते हुए विधेयक की प्रस्तुति पर प्रश्न उठाया था। विपक्ष ने सवाल किया था कि, आरक्षण का यह मसला न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है, और ऐसे में जबकि कोई मसला न्यायालय में हो, सरकार को उसमें उत्तर देना हो, उसी विषय से जुड़ा यह विधेयक पारित करना क्या क़ानूनी सवाल पैदा नहीं करेगा।विपण विपक्ष की ओर से वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर और बृजमोहन अग्रवाल ने सदन में बार बार चेताया था

“हम आरक्षण देने के मसले पर पूरी तरह सहमत हैं। इस विधेयक को हमारा पूरा समर्थन है, लेकिन यह बहुत बेहतर होगा कि विधानसभा यह समीक्षा कर ले कहीं हम ग़लत तो नहीं कर रहे हैं,सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिका पर यदि फ़ैसला विपरीत हो जाए तो इस विधेयक का क्या होगा ?”


chhatisgarh आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल विधेयक पर हस्ताक्षर कर सकती हैं राज्यपाल क़ानूनी पेंच पर विधि सलाहकार की राय अहम सर्वसम्मति से पास इस विधेयक पर विपक्ष ने गंभीर तकनीकि सवाल उठाए थे